यूं भी जीना मैं सीख जाऊंगी। मैं नहीं जानती थी तुम बिन जीना भी मैं सीख जाऊंगी। यूं भी जीना मैं सीख जाऊंगी। मैं नहीं जानती थी तुम बिन जीना भी मैं सीख जा...
मैं था तो नहीं आवाज़, फिर भी कहता सुनता रहा हूँ, कभी सन्नाटे की फुसफुसाहट, कभी शोर म मैं था तो नहीं आवाज़, फिर भी कहता सुनता रहा हूँ, कभी सन्नाटे की फुसफुसाहट, ...
खाने में प्यार के साथ साथ और जाने क्या क्या रस मिलाती थी मां। खाने में प्यार के साथ साथ और जाने क्या क्या रस मिलाती थी मां।
सुनो सांवरे ..! मुझे साहित्य पर लिखना है क्या लिखूँ..? सुनो सांवरे ..! मुझे साहित्य पर लिखना है क्या लिखूँ..?
मैं देख नहीं सकता अपनी आत्मा के अंदर, या मिनट देखें जैसे-जैसे हम सब बूढ़े होते जाते ह मैं देख नहीं सकता अपनी आत्मा के अंदर, या मिनट देखें जैसे-जैसे हम सब बूढ़े हो...
मैं कभी रुका नहीं मैं कभी रुका नहीं